History of LGBRIMH



लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (लोगोब क्षेमास्वासं) को सबसे पहले अप्रैल, 1876 के तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा तेजपुर ल्युनाटिक एसाइलम के रूप में स्थापित किया गया था।

सन 1922 में चिकित्सालय का नामकरण तेजपुर मानसिक चिकित्सालय किया गया। मनश्चिकित्सा के क्षेत्र में वैश्विक प्रगति के साथ-साथ इस चिकित्सालय को आधुनिक सुविधाओं से लैश करने के भी कदम उठाए गए। सन् 1926 में बृहद स्तर पर निर्माण कार्य शुरू हुआ। उन्नयन कार्य करने के लिए कोलकाता के एक निजी कंपनी “जार्डाइन मेनेजेस कंपनी” को नियुक्त किया गया। 1932 के अंत तक चिकित्सालय की क्षमता 700 बिस्तर तक बढ़ गयी। अत: रोगी खंड के वर्तमान में उपस्थित अधिकतर भवन उसी समय के है।

स्वतंत्रता के बाद, चिकित्सालय को असम सरकार के अंतर्गत लाया गया। सन् 1949 में स्वर्गीय डॉ.एन. सी. बरदलै चिकित्सालय के अधीक्षक बने। उनके कार्यालय के दौरान, चिकित्सालय के प्रशासनिक एवं उपचार सेवाओं में अभूतपूर्ण विकास हुआ । डॉ. बरदलै अपनी समर्पित सेवाओं के लिए भारत सरकार से पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वाले देश के पहले मनश्चिकित्सक थे।

रोगियों की बढ़ती संख्या के साथ सन् 1987 में एक नए बहिर्रोगी विभाग (ओपीडी) का निर्माण किया गया। अगले वर्ष बढ़ते रोगियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त दो मंज़िला भवन का निर्माण किया गया। बाद में, सन् 1989 में चिकित्सालय का नाम बदलकर लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै मानसिक स्वास्थ्य संस्थान किया गया।

सन 1999 में संस्थान को पूर्वोतर परिषद् को सौंप दिया गया । पूर्वोतर क्षेत्र का तृतीयक मानसिक देखभाल संस्थान होने के नाते इस क्षेत्र में बेहतर मानसिक स्वास्थ्य एवं विकसित श्रमशक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से चिकित्सालय को क्षेत्रीय संस्थान के रूप में उन्नयन किया गया। संस्थान को उसके बाद लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के रूप में नामकरण किया गया।

दिनांक 01 जून 2007 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस संस्थान का अधिग्रहण किया गया।